आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित
हाँ, कई मामलों में पुरुष अपने जीवन शैली की कुछ आदतों में परिवर्तन करके अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढा सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन के निम्न स्तर के कई कारण हो सकते हैं।कभी-कभी टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में शामिल शरीर के अंगों जैसे हाइपोथैलेमस, पीयूष ग्रंथि या वृषणमें समस्याएं होती हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर उम्र के साथ भी स्वाभाविक रूप से नीचे गिरता है।
कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षणों में कम सेक्स ड्राइव, मांसपेशियों की हानि, कमजोरी और बदलती मनोदशा शामिल है। हालाँकि टेस्टोस्टेरोन प्रतिस्थापन चिकित्सा मददगार साबित हो सकता है,पर कई पुरुष ये मानते हैं कि जीवन शैली में बदलाव लाने से उनके लक्षणों में सुधार आ सकता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार
पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का निर्माण तब होता है जब वो नींद में होता है। इसके परिणाम स्वरुप, जितना कम नींद आयेगी उतना ही कम टेस्टोस्टेरोन का निर्माण शरीर द्वारा होगा। 2011 में युवा पुरुषों पर हुए अध्ययन पर शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि एक हफ्ते कम नींद लेने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर मे 10 से 15 प्रतिशत की कमी हो जाती है।
अच्छी नींद के लिए पुरुषों को निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए:
- नींद को प्राथमिकता दें, अच्छी नींद का लक्ष्य बनाकरप्रत्येक रात्रि 7 से 9 घंटों की नींद लें।
- आराम करें और सोते समय अन्प्लग करें। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टेलीविज़न, स्मार्ट फ़ोन या टेबलेट आदि से बचें।
- कैफीन और मादक पदार्थों का सेवन कम करें।
- प्रतिदिन व्यायाम करें।
- समय पर सोयें और रोज़ उसी समय पर उठने का प्रयत्न करें।
- तनाव को कम करें और ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह लें।
आहार में विटामिन और मिनरल
जब शरीर में किसी भी विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है तो कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़जाता है जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है। इसलिए टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ाने के लिए विटामिन और मिनरल जैसे जिंक, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन, बी काम्प्लेक्स, विटामिन डी आदि का सेवन अपने डॉक्टर की परामर्श के साथ करना चाहिए।
अपना वजन नियंत्रित रखें
टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए अपना बॉडी फैट प्रतिशत निश्चित रेंज 8 से 16 प्रतिशत के बीच रखना होगा।मोटापा भी टेस्टोस्टेरोन के कम स्तर का कारण हो सकता है। सामान्यतयः पुरुषों के कुछ टेस्टोस्टेरोन दुसरे हॉर्मोन में बदल जाते हैं जिसे इस्ट्रोजन कहते हैं। यह प्रक्रिया आम तौर पर वसा कोशिकाओं में सम्पन्न होती है। इसलिए अधिक वजन या मोटापा वाले मामलों में टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा इस्ट्रोजन में बदल जाती है और कुल टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आ जाती है।
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए आहार की बहुत बड़ी भूमिका होती है। इसके लिए आपको अपने आहार मे कुछ खाद्य वस्तुओं को शामिल करना होगा जैसे फल, बीन्स, दालें, हरी सब्जियां आदि। साथ ही कुछ का सेवन पूरी तरह बंद करना होगा जैसे प्रोसेस्ड फ़ूड, शुगर, अल्कोहल आदि।साथ ही वजन को नियंत्रित रखने के लिए पुरुषों को निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए:
- स्वस्थ आहार लें जैसे फल, सब्जियां एवं साबूत अनाज। चीनी और तैयार खाद्य पदार्थ से परहेज करें।
- भोजन के भाग का आकार देखते रहें।
- नियमित व्यायाम करें और चुस्त रहने की कोशिश करें।
- स्वास्थ्य से सम्बंधित किसी भी परिस्तिथि में किसी भी डॉक्टर, पोषण विशेषज्ञ या फिटनेस विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
- अपने डॉक्टर से आपकी मौजूदा दवाइयों के बारे मे चर्चा करें।
टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में कुछ दवाइयों और हारमोंस के कारण हानि पहुँच सकती है (जैसे दर्द के लिए ओपिएटस)। दवाइयों और खुराकों को बदलने से मदद मिल सकती है पर ये फैसला डॉक्टर के परामर्श से ही लिया जाना चाहिए।
रोज़ नट्स ज़रूर खाएं:
मुट्ठीभर या दो मुट्ठी अखरोट या बादाम को अपनी प्रतिदिन की डाइट में शामिल करना, टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढाने का एक अच्छा और आसान तरीका है|ऐसे नट्स जिनमें उच्च मात्रा में मोनोसैचुरेटेड फैट पाए जाते हैं, इन्हें नियमित रूप से लेने वाले पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन स्तर बहुत अधिक होता है|सीड्स जैसे सूरजमुखी और अलसी के बीज आदि भी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढाते हैं |स्वस्थ विकल्पों के लिए, बिना स्वाद वाले, बिना नमक वाले नट्स और सीड्स का सेवन करें |
एनाबोलिक स्टेरॉयड और पूरकोंसे बचें
एनाबोलिक स्टेरॉयड या फिर कोई दूसरी तरह की कार्य क्षमता बढाने वाली दवाइयां टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन में बाधा बन सकती हैं और इसलिए इनसे भी परहेज करना चाहिए।
ऐसे पूरक जो टेस्टोस्टेरोन बढाने के दावा करते हैं उनसे भी अवश्य बचें। इन उत्पादों को ऑनलाइन या फिर किसी भी फार्मेसी की दुकान से खरीदना बहुत आसान है परन्तु ये हर समय प्रभावशाली नहीं होते।उनमें ऐसे तत्व भी हो सकते हैं जो उन दवाओं के साथ हानिकारक परस्परिक क्रिया कर सकते हैं जो एक आदमी पहले से ले रहा है। कभी-कभी ये सामग्रियां उत्पाद पैकेजिंग पर सूचीबद्ध नहीं होती हैं।
क्या ये तरीके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढाने के लिए प्राकृतिक तरीके हैं?
जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम है उनको अवश्य ही डॉक्टर का परामर्श लेना चाहिए।
एक संपूर्ण शारीरिक जांच से टेस्टोस्टेरोन के कम स्तर के अन्य संभावित कारणों का पता किया जा सकता है जैसे कोई सूजन या संक्रमण। एक डॉक्टर आपको कई तरह के सुझाव दे सकता है और आपके अनुसार आपको उपचार भी दे सकता है।
किशोरावस्था से पहलेटेस्टोस्टेरोन लेवल बहुत कम होता है | 40 वर्ष की आयु होने तक वयस्कता के दौरान टेस्टोस्टेरोन का स्तर लगातार बढ़ता रहता है और 40 वर्ष की आयु के बाद धीरे-धीरे घटने लगता है|अगर आपको विश्वास है कि आप कम टेस्टोस्टेरोन के लेवल की समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें | आपके डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां लिख सकते हैं जिनसे आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का अधिक उत्पादन होने लगेगा |