स्खलन क्या होता है।
शरीर के अंदर दो ग्रंथियां होती हैं, एक प्रोस्टेट और एक सेमीनल वेसिकल। वीर्य का पानी 75% सेमीनल वेसीकल से और 25% प्रोस्टेट से आता है। सही तरह का वातावरण शरीर में होने से सेमीनल वेसीकल का पानी प्रोस्टेट के अंदर आता है। स्खलन एक रीफ्लेक्स है जो दो चरणों में पूरा होता है। पहले चरण में रीफ्लेक्स शुरू होने पर सेमिनल वेसिकल ग्रंथि सिकुडती है जिससे वीर्य का पानी प्रोस्टेट ग्रंथि के मध्य में आ जाता है। यहां पर वीर्य नली के फैलने से जो रीफ्लेक्स शुरू हो जाता है उससे स्खलन की अनिवार्यता का अहसास होने लगता है जिसे किसी भी तरह से कंट्रोल नहीं किया जा सकता। ये अहसास जब आता है तब अनुभूति होती है कि स्खलन होगा।
शीघ्र पतन को प्राकृतिक तरीके से बिना दवाई के कई मामलों में ठीक किया जा सकता है। इसके लिये निम्न तकतीक उपयोगी हो सकती हैं।
- सेक्स के लिये अगर महिला ऊपर और पुरूष आराम से बिस्तर पर लेट जाए तो आम तौर पर स्खलन को अधिक देर तक रोका जा सकता है।
- स्टॉप स्टार्ट तकनीक - सेक्स के समय उत्तेजना बढ़ती है। उत्तेजना बढ़ते बढ़ते ऑरगास्म ट्रिगर हो जाता है। ये अनूभूति आते ही रोकना होता है जिससे उत्तेजना बंद हो जाये। इस समय स्टॉप नहीं किया तो स्खलन रोक नहीं सकते। इसमें पुरूष को जब स्खलन अपरिहार्य लगता है तो वो कुछ देर के लिये रूक जाता है या स्टॉप हो जाता है। इसलिए पुरूष को स्खलन की अनिवार्यता का अहसास होने से पहले ही रूकना होता है। यदि ये अहसास रोका नहीं जाये तो स्खलन अवश्य होगा। कई बार कुछ देर रूकने के बाद कडकपन चला जाता है। परन्तु इस बारे में चिता करने लग गये तो कडकपन वापस नहीं आता। अगर इसको सामान्य माना जाए तो फिर से फॉरप्ले के द्वारा सेक्स शुरू किया जा सकता है। स्टॉप करने के बाद पुनः स्टार्ट कर सकते हैं। अधिकतर लोग इस तकनीक में कामयाब हो जाते हैं। परन्तु इस अवस्था को पहचानने का निरंतर अभ्यास करना पडता है। इस दौरान अनेक बार असफलता भी होती है परंतु अनेकों बार प्रयास करने पर ऐसा कर पाना संभव हो जाता है।
- स्कवीज़ तकनीक - इसमें जब उत्तेजना बढ़ती है तो स्खलन के आभास पर लिंग के आगे के हिस्से को एक उंगली और अंगूठे के बीच जोर से दबाया जाता है। करीब दस से बीस सेकेंड में स्खलन का अहसास खत्म हो जाता है और आप फिर से सेक्स शुरू कर सकते हैं। इसमें महिला का योगदान भी लेना होता है। इस तकनीक में सफलता कम लोगों को मिलती है।
यदि इनमें से किसी भी तकनीक से शीघ्र पतन की समस्या ठीक न हो तो चिकित्सकीय परामर्श से दवाई या ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है। ये तकनीक हर तरह के मरीज में कामयाब नहीं होती। कई बार अकेले इन तकनीकों से अगर स्खलन के अहसास को नियंत्रित नहीं कर पा रहे तो आपको इलाज की जरूरत है जैसे दवाई या आपरेशन। ऐसी परिस्थिति में चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।