तनाव तथा उसका सेक्शूअल लाइफ़ पर असर
तनाव का अर्थ है के किसी भी असली अथवा काल्पनिक विषय के बारे में चिंता करना। हर किसी को अपने कामों के बारे में चिंता सताती है। यह हमें अपने कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने में सहायता करता है लेकिन बहुत ज़्यादा चिंता करना हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
अगर ऐसा लम्बे समय तक चलता रहे तो हमारे शरीर में कोर्टिसोल नामक हॉर्मोन स्थाई तौर पर बढ़ सकता है। ऐसा होने के पश्चात् अगर तनाव को हटा भी दिया जाए तो भी हमारा शरीर उसके प्रभाव में रहता है।
तनाव हमें किसी भी कारण से हो सकता है जैसे की जीवन के उतार चढ़ाव, नौकरी चले जाने का डर, क़ानूनी समस्या, वैवाहिक जीवन की समस्या, या किसी क़रीबी का निधन होना।
और अगर आप किसी मानसिक समस्या से जूझ रहें है जैसे डिप्रेशन, नशा, ओसीडी आदि तो तनाव का असर आप पर ज़्यादा समय रहता है।
शरीर पर इसका असर-
शरीर में कोर्टिसोल का नोर्मल से झाड़ा प्रवाह होने से हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, ख़ून की नड़ीयॉ संकरी हो सकती हैं, चिकनी मास्पेचियाँ सिकुड़ सकती हैं
जिससे शरीर में दर्द, थकावट तथा ब्लड प्रेशर ज़्यादा होने की समस्या हो सकती है।
सेक्स लाइफ़ पर इसका असर-
एक 42 वर्षीय पुरूष को सेक्स की इच्छा में कमी होना, लिंग का खड़ा ना हो पाना तथा जल्दी स्खलन होने की समस्या पिछले 1.5 वर्ष से थी। क़रीब 8 वर्ष पूर्व , नौकरी के दौरान उसे कुछ क़ानूनी समस्या का सामना भी करना पड़ा था पर यह समस्या स्वैच्छिक सेवा-निवृत्ति लेने के बाद सुलझ गयी थी। इन समस्याओं के सुलझने के पश्चात् भी उन समस्याओं का प्रभाव उसपे क़ायम था और उसे नींद की समस्या, अपने वर्तमान व्यापार की चिंता तथा थकावट रहती थी। व्यापार अच्छा चलने के बावजूद वह शांति का अनुभव नहीं कर पा रहा था।
पिछले 1.5 वर्ष से वह दम्पति महीने में कभी 1 बार भी सेक्स मुश्किल से करते थे और उसकी शुरुआत भी हमेशा उसकी पत्नी करती थी। उसका लिंग सेक्स के दौरान पूरे समय खड़ा नहीं रह पाता था। उसका कहना था के सेक्स के दौरान उसे अपनी क़ानूनी समस्या के ख़याल सताते थे हालाँकि यह समस्या सुलझने के कगार पे थी।
तनाव की वजह से होने वाली सेक्स समस्या :
- क़ामलिप्सा की कमी-सेक्स में सुख ना मिल पाने से क़ामलिप्सा में कमी आ सकती है। फिर व्यक्ति सेक्स को टालता है जिससे समस्या और बढ़ सकती है।
- लिंग का खड़ा ना होना तथा योनि का अपर्याप्त गीलापन-कभी कभी लोग सेक्स पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते तथा इधर-उधर ध्यान चला जाता है और कभी कभी पहले की बातें सोचते रहते हैं। पुरूषों में इससे लिंग खड़ा नहीं रह पाता और वे बहुत घबरा जाते हैं। लिंग का ठीक से खड़ा ना होने की समस्या लिंग की छोटी छोटी रक्तनड़ीयो के संकरा होने से होता है। महिलाओं में भी समान प्रक्रिया होने से योनि में गिलापन कम हो जाता है, इस स्थिति में वे सेक्स तो कर पाती हैं परंतु उन्हें पीड़ा होती है।
- तनाव से चिडचिडापन बढ़ सकता जो के व्यवाहिक जीवन पर भी असर कर सकता है।
- थकान होने से सेक्स की इच्छा की कमी हो सकती है।