सबसे बड़ा भ्रम यह है की आपके परिवार में या आपके किसी मित्र को एड्स है, तो यह आपको भी हो सकता है।
लेकिन अब तक के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि एच आई वी के मरीज़ को छूने से, उसके आंसू,पसीने या सैलाइवा से एच आई वी नहीं फैलता। यह वायरस संक्रमित खून, सिमेन, वैजाइनल फ्लूइड या मां के दूध से फैल सकता है।
दूसरा भ्रम
बहुत से लोग यह भी कहते है की एच आई वी से डरने की ज़रूरत नहीं, नयी ड्रग्स से इसका इलाज संभव है।
एण्टी रेट्रोवायरल ड्रग्स के प्रयोग से बहुत से एच आई वी के मरीजों की स्थिति में सुधार आया है, लेकिन यह ड्रग्स बहुत महंगी हैं और इनका साइड एफेक्ट भी खतरनाक है। पूरे विश्व में अबतक इस बीमारी का उपचार नहीं खोजा जा सका है।
तीसरा भ्रम
सबसे बड़ा भ्रम यह है की एच आई वी पाज़ीटिव होने का मतलब है, आपका जीवन समाप्त हो गया।
एड्स जैसी बीमारी के शुरूवाती दौर में इससे लड़ना नामुमकिन था, लेकिन अब एण्टी रेट्रोवायरल ड्रग्स की मदद से एच आई वी के साथ जीवन व्यतीत किया जा सकता है ।
चौथा भ्रम
पुरूष जो ड्रग्स नहीं लेते वो एच आई वी पाज़ीटिव नहीं हो सकते।
अधिकतर पुरूष सेक्सुअल कान्टेक्ट या इन्जेक्शन द्वारा ड्रग्सत लेने से एच आई वी पाज़ीटिव हो जाते हैं।
पांचवा भ्रम
अगर दोनों पार्टनर्स में से कोई एक एच आई वी पाज़ीटिव है तो दूसरे को इसका पता चल जाता है।
एच आई वी का पता बिना टेस्ट के नहीं लग सकता, हो सकता है कि बहुत सालों तक इसके कोई लक्षण आपमें ना दिखें और अचानक से बहुत से लक्षण नज़र दिखने लगें।