महिलाओं में डिस्चार्ज(Sexual Climax)होने या ऑर्गेज्म (Orgasm)की ग़लत धारणाएँ
सेक्स एजुकेशन की कमी के कारण सेक्स के बारे में अनेक ग़लत धारणाएँ प्रचलित हे जिनसे कई प्रकार की समस्याएँ पैदा
हो जाती हे। महिलयों में ऑर्गैज़म के बारे में भी अनेक किवदंतियाँ प्रचलित हे- आइए जाने हक़ीक़त क्या हे?
1- सेक्स की पूर्णता महिला के डिस्चार्ज या ऑर्गैज़म से ही होनी चाहिए- अधिकांश लोग यही मानते हे कि यदि सामान्य पेनो वैजिनल सेक्स से महिला का डिस्चार्ज न हुआ तो कोई न कोई प्रॉब्लम हे -पुरुष में कमज़ोरी हे या महिला में कोई समस्या हे । असल में सामान्य सेक्स से केवल एक चोथाई महिलाओं में ऑर्गैज़म होता हे और जिनको न हो सके, उनके भी कोई बीमारी नहीं होती। क़ुदरत ने पुरुष एवं स्त्री के सेक्स के अंग बनाए ही इस तरह हे कि सामान्य सेक्स के समय पुरुष के लिंग का स्त्री की भगनसा ( clitoris) से सम्पर्क नहीं हो पाता इसलिए उचित कामोत्तेजना के अभाव में स्त्री का चरमोत्कर्ष काफ़ी मुश्किल होता हे । पुरुष यदि भगनसा को स्पर्श करते रह कर अतिरिक्त उत्तेजना का प्रयास करता रहे तो ये सम्भव हे।
2- महिला का चरमोत्कर्ष मिशनेरी पज़िशन में ही आना चाहिए- अनेक लोग इस बात से भ्रमित हे कि पुरुष के ऊपर होने से चरमोत्कर्ष हो तो ये उसके द्वारा दिया गया ऑर्गैज़म हे और यदि महिला ऊपर हो तो ये महिला द्वारा पाया गया ऑर्गैज़म हे । कई पुरुष पहले बताई पज़िशन में जल्दी स्खलित हो जाते हे इसलिए इस ग़लत फ़हमी के शिकार हो जाते हे । ऑर्गैज़म किसी भी पज़िशन में आए , कोई फ़र्क़ नहीं होता ।
3- महिला और पुरुष को एकसाथ डिस्चार्ज होना चाहिए- ये बात असल में काफ़ी अटपटी हे। पेनो वैजिनल सेक्स के समय पुरुष को अपेक्षाकृत अधिक स्टिम्युलेशन मिलता हे जबकि महिला को उपयुक्त उत्तेजना के लिए अतिरिक्त प्रयास करना होता हे। फिर हर महिला का शरीर अलग होता हे और हर सेक्स के समय उत्साह भी एक जैसा नहीं होता ।
4- महिला को हर बार कई बार डिस्चार्ज होना चाहिए- ये भी काफ़ी लोगों की दुविधा हे। ये कोई रेस नहीं हे जहाँ कोई स्टार्टिंग और फ़िनिश लाइन हे । कई बार डिस्चार्ज होने की क्षमता 15-20% महिलाओं में होती हे । एक बार डिस्चार्ज हो , कई बार हो या कभी न भी हो - मुख्य बात हे कि संतोष होना चाहिए । दस में छः बार यदि अच्छा हो जाए तो सब ठीक माना जाना चाहिए ।
5- आप के डिस्चार्ज के बाद सेक्स ख़त्म - अनेक बार पुरुष अपने डिस्चार्ज के बाद करवट बदल कर सो जाते हे । ऐसा करना ठीक नहीं हे । महिला के संतोष का भी तो ख़याल रखे - अपने डिस्चार्ज के बाद महिला को मुख मैथुन या उँगली से भगनसा को छेड़ना चाहिए । सेक्स की समाप्ति तभी हो जब आप दोनो संतुष्ट हो जाए ।