ये हाल के वर्षों में ही सामने आयी सेक्स समस्या हैं। शादी के बाद सेक्स – जिसे एक बेहद सामान्य बात समझा जाता हैं, उसी में इतनी तेज़ी से बढ़ती हुई मुश्किलें एक चिंताजनक हक़ीक़त की और इशारा करती हैं। समाज में कुछ तो हैं जो तेज़ी से बदल रहा हैं !!
मेरे पास अनेकों अनेक युवा केवल ये चेक करने के लिए आते हैं कि शादी के बाद अपनी पत्नी को वो संतुष्ट कर पाएँगे या नहीं। युवा लड़कों में असुरक्षा की भावना आ रही हैं कि यदि सेक्स में संतुष्ट नहीं किया तो बदनामी तो होगी ही, दोबारा विवाह भी आसान न होगा ।
कन्या भ्रूण हत्या की कुछ क़ीमत तो चुकानी ही होगी आख़िर समाज को। लड़कों का विवाह अब आसान नहीं रह गया हैं इसलिए टेन्शन होना समझा जा सकता हैं। फिर इंटर्नेट की आसान उपलब्धि से पोर्न विडीओज़ आसानी से उपलब्ध हैं जिनसे अव्यवहारिक उम्मीद हो जाती हैं जिसे असल ज़िंदगी में पूरा नहीं किया जा सकता। मेरे पास अनेक युवा पोर्न फ़िल्म जैसी सेक्स लाइफ़ को प्राप्त करने के लिए आते हे जो सम्भव नहीं हैं। आज निश्चित ही लड़कियों में शिक्षा का स्तर बढता जा रहा हैं इसलिए लड़का लड़की दोनो ही शादी के समय पढ़ाई कर रहे होते हैं या नौकरी। सप्ताह में एक या दो दिन साथ रह पाते हैं जिसका वो पूरा फ़ायदा उठाना चाहते हैं। ऐसे में भी समस्या होना सम्भव हैं।
कुछ समय बाद घर वाले गुड न्यूज़ के लिए पूछने लगते हैं। जब नियमित सेक्स ही नहीं होगा तो सब कुछ सामान्य होने पर भी गर्भ कैसे ठहरेगा ? इसी समय किसी बांझपन उपचार केन्द्र में इलाज लेने की शुरुआत होती हैं और सेक्स प्रॉब्लम की बात सामने आती हैं। सेक्स के लिए समय कहाँ हे ???? इसका अर्थ हैं कि शादी का उद्देश्य ही एक दो बच्चे पैदा करके सबका मुँह बंद करना हैं कि सब ठीक चल रहा हैं।
सफल दाम्पत्य जीवन के लिए दोनो पहियों का साथ चलना ज़रूरी हैं और संतोष पूर्ण सेक्स के लिए भी दोनो का सामान्य होना ज़रूरी हैं इसलिए किसी एक को ही सेक्स न होने के लिए दोषी मान लेना उचित नहीं हैं।
लड़कों में समस्या हो सकती हे – शीघ्रपतन, ई॰डी॰ या मर्दाना कमज़ोरी, कामेच्छा की कमी या समलेंगिकता हो सकती हैं जिस से शादी के बाद सेक्स न हो सके जबकि लड़की पसंद न हो, कहीं दूसरी जगह आकर्षण हो तो भी प्रॉब्लम हो सकती हैं
लड़की में समस्या हो सकती हैं - असामान्य और अनावश्यक उम्मीद, सेक्स के समय दर्द होना (वगिनिस्मस)
वैजी्निसमस- इसका अर्थ हैं कि वजाइना का प्रवेश बिलकुल टाइट बंद हो जाता हैं जिस से सेक्स करना असम्भव हो जाता हैं। पुरुष को कोई प्रॉब्लम न होने पर भी अनभिज्ञता के कारण अधिक ज़ोर लगाने पर ज़्यादा टाइट बंद हो जाता हैं और ऐसा महसूस होने लगता जे कि मानो आप कोई दीवार को हिट कर रहे हों। बार बार असफल होने पर पुरुष को भी टेन्शन हो जाती हे जिस से उसे ई॰डी॰ हो जाता हैं। घूमफिर कर पूरा ज़िम्मा पुरुष पर आ जाता हैं कि उसे सेक्स समस्या हैं। मेरे कुछ मरीज़ों के अनुसार तो उन्हें नपुंसक कह कर तलाक़ हो गया। ये सब इसलिए भी हुआ कि कई मामलों में तो लड़की ने स्वयं के चेकअप को ये कह कर मना कर दिया कि उन्हें पता हे कि वो ठीक हैं। कई बार तो केवल लिंग के प्रवेश के समय ही वैजिनल ओपनिंग बंद होती हैं, डॉक्टर के चेक करते समय या फ़िंगर डालते हुए कोई परेशानी नहीं होती।
इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे सेक्स में दर्द होने का डर, इन्फ़ेक्शन, टाइट हायमन, पहले हुआ यौन शोषण, रेप आदि कई बार दोनो को ही सेक्स के बारे में सही ज्ञान नहीं होता तो सेक्स के लिए सही पज़िशन बनाना मुश्किल होता हैं।
क्या नहीं करना चाहिए-
1- मेरे पास आने वाले हर ऐसे मरीज़ को सबसे पहले एक दूसरे की आलोचना बंद करने को कहता हूँ। ये प्यार मुहब्बत का मामला हैं और इसमें आलोचना का कोई काम नहीं।
2- इस रिश्ते को पूरी कमिट्मेंट से लेना चाहिए। अलग होना या तलाक़ जैसे ख़याल अगर दिमाग़ में हे तो मेरे पास आने से कोई फ़ायदा नहीं होगा।
3- यथासम्भव इसे बेडरूम की चारदीवारी से बाहर न जाने दे। एक बार बात बाहर गयी तो तरह तरह के सामाजिक दबाब सेक्स लाइफ़ को बर्बाद कर देंगे।
शादी के बाद सेक्स संबंधो को पूरी इम्पॉर्टन्स दे, थोड़ा बहुत स्थगित करना तो ठीक हैं परंतु यदि एक हफ़्ते से ज़्यादा समय तक आपका जीवन साथी सेक्स सम्बंध बनाने में आनाकानी करे तो डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए । दोनो यदि सहयोग करे तो ऐसे सभी केस ठीक हो सकते हैं।